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Israel से दोस्ती के लिए Saudi Arabia ने रख दी कौन सी शर्त? राजदूत ने किया साफ

इजरायल और हमसा के बीच जारी जंग के बीच  सऊदी अरब ने तेल अवीव के साथ अपने रिश्ते पर नई शर्त रख दी है। इस जंग से पहले ही सऊदी अरब इजरायल से अपने रिश्ते सामान्य करने की ओर बढ़ रहा था। लेकिन जंग शुरू होने के बाद सऊदी अरब इस उलझन में था कि वो इस रिश्ते को लेकर आगे कैसे  बढ़े। लेकिन अब सऊदी अरब के राजदूत ने इसको लेकर चीजें थोड़ी साफ कर दी है। अमेरिका में सऊदी अरब के राजदूत ने एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है। सऊदी अरब के राजनयिक ने कहा है कि जब तक गाजा में सीजफायर के लिए इजरायल तैयार नहीं हो जाता। तब तक इजरायल के साथ सउदी अरब का कोई रिश्ता नहीं होगा। 

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सऊदी अरब ने साफ कर दिया है कि वो गाजा में युद्ध विराम के बगैर इजरायल को एक देश के तौर पर मान्यता देने वाले समझौते पर कोई बातचीत नहीं करेगा। सऊदी के राजदूत ने कहा है कि अभी भी उनके देश ने इजरायल से संबंधों को ठीक करने को अपनी महत्वपूर्ण पॉलिसी में शुमार नहीं किया है। स्विजरलैंड के दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से इतर सऊदी के राजदूत ने ये सब बाते कहीं है। सऊदी अरब ने आज तक इजरायल को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं दी है। पिछले साल दोनों ही देशों की बातचीत बड़े जोश से इस दिशा में आगे बढ़ रही थी। लेकिन हमास के 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के साथ ही इजरायली बमबारी गाजा पर शुरू हुई। 

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इसके बाद इजरायल और सऊदी के बीच बातचीत पटरी से उतर गई। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करने को लेकर कुछ शर्तें भी रखी हैं। इन शर्तों में वाशिंगटन से सुरक्षा की गारंटी और नागरिक परमाणु कार्यक्रम विकसित करना शामिल है। फॉक्स न्यूज के साथ बातचीत में एक दफा प्रिंस सलमान ने कहा था कि हर दिन हम एक समझौते के करीब पहुंच रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि फिलिस्तीनी मुद्दा रियायत के लिए हमेशा महत्वपूर्ण था। 

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