भारत के मित्र देश ने पीएम मोदी से मदद मांगी है। वो भी ऐसी मदद जिसे भारत चुटकियों में पूरा कर सकता है। लेकिन यही मदद भारत को मुश्किल में भी डाल सकता है। मदद मांगने वाला देश इजरायल है। इजरायल को एक लाख भारतीय लोगों की जरूरत है। इजरायल एक लाख भारतीय लोगों को नौकरी देना चाहता है। इजरायल से ये मांग जंग के बीच आई है। इजरायल में कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपनियों ने अपनी सरकार से कहा है कि उन्हें एक लाख भारतीय श्रमिक चाहिए। इजरायल की कंपनियों 90 हजार फिलिस्तिनियों को निकालकर भारतीयों को नौकरी देना चाहती है।
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रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली निर्माण उद्योग में कार्यरत कार्यबल में फ़िलिस्तीनियों की संख्या लगभग 25 प्रतिशत है। फीग्लिन ने कहा कि हम युद्ध में हैं और फिलिस्तीनी श्रमिक, जो इस क्षेत्र में हमारे मानव संसाधनों का लगभग 25 प्रतिशत हैं, नहीं आ रहे हैं, उन्हें इज़राइल में काम करने की अनुमति नहीं है। लगभग 10 प्रतिशत फिलिस्तीनी श्रमिक गाजा से हैं जो संघर्ष के केंद्र में है और बाकी वेस्ट बैंक से हैं। इज़राइल ने भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जो 42,000 भारतीयों को इज़राइल में काम करने की अनुमति देगा।
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विदेश मंत्रालय ने उन दावों के बीच स्पष्टीकरण जारी किया कि इज़राइल 1 लाख से अधिक भारतीय श्रमिकों को काम पर रखना चाहता है। हमास के साथ युद्ध के बीच 90,000 से अधिक फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट रद्द होने से दूसरा देश इस समय श्रमिकों की कमी का सामना कर रहा है। इज़राइल बिल्डर्स एसोसिएशन ने हाल ही में कहा था कि अधिकारी भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं। हम अपने नागरिकों को वैश्विक कार्यस्थल तक पहुंच प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम कई देशों के साथ गतिशीलता समझौते करने की कोशिश करने के लिए चर्चा कर रहे हैं।