प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा को समाप्त कर वहां से मिस्र के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी के मिस्र यात्र से पहले एक बड़ा बयान सामने आया है। मिस्र के राजदूत वेल मोहम्मद अवद हमीद ने कहा कि 24-25 जून के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मिस्र यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के लिए गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों पक्षों द्वारा सुरक्षा से लेकर व्यापार और निवेश तक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यवस्था करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सैन्य उपकरणों के सह-उत्पादन के अलावा, दोनों पक्ष स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र के भीतर भारत के लिए एक समर्पित स्लॉट की मिस्र की पेशकश पर चर्चा करेंगे। हामेद ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि हरित हाइड्रोजन और पर्यटन में भारतीय निवेश बड़ी संभावनाओं वाले अन्य क्षेत्र हैं।
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द्विपक्षीय संबंधों के विकास के विषय में बात करते हुए मिस्र के राजदूत ने अल सिसि के गणतंत्र दिवस और पीएम मोदी के अब के दौरे के बारे में बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि ये दो दौरे पासा पलटने के लिए काफी हैं। किसी भारतीय प्रधान मंत्री की मिस्र की आखिरी द्विपक्षीय यात्रा 1997 में हुई थी। उस समय, मिस्र और भारत में एक अलग नेतृत्व था और दुनिया अलग थी। पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और ध्रुवीकरण अलग था। एक राजदूत के रूप में मेरे लिए यह देखना बहुत निराशाजनक था कि मिस्र-भारत संबंध, जो परंपरागत रूप से बहुत मजबूत थे, उसी गति के साथ जारी नहीं रहे जो 1950 और 1960 के दशक में थे।
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24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा
पीएम मोदी अपने दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में मिस्र जाएंगे। प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की मिस्र की यह पहली यात्रा होगी। वह 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा करने के लिए काहिरा जाएंगे। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी 26 जनवरी, 2023 को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनकर दिल्ली आए थे। बता दें कि दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।