प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। आज उनके अमेरिका दौरे का तीसरा और आखिरी दिन है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से द्विपक्षीय वार्ता भी की। इस दौरान खुद जो बाइडेन ने पीएम मोदी को गले लगाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी क्वाड समिट में शामिल हुए। जहां उन्होंने दुनिया को संदेश देते हुए कहा कि भारत किसी के खिलाफ नहीं बल्कि शांति और समाधान का पक्षधर है। इसलिए पूरी दुनिया की नजर अमेरिका दौरे पर टिकी थी। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान वैसे तो कई घोषणाएं हुई हैं। लेकिन एक प्रोग्राम सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है, वो कैंसर मूनशॉट है। दरअसल, भारत ने कैंसर के खिलाफ लड़ाई के लिए लाखों डॉलर और टीके देने का वादा किया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान की गई कई घोषणाओं में से एक थी। मोदी ने कैंसर से लड़ने के लिए इंडो-पैसिफिक में क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल के गठन की घोषणा की।
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क्या है कैंसर मूनशॉट
क्वाड कैंसर मूनशॉट एक अभूतपूर्व साझेदारी है, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्विकल कैंसर से लड़कर लोगों की जान बचाना है। कैंसर पर वैज्ञानिक शोध को गति देने के लिए 2016 में कैंसर मूनशॉट की शुरुआत की गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 12 जनवरी, 2016 को स्टेट ऑफ द यूनियन के दौरान इस कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की थी। स कार्यक्रम के लिए धन 21वीं सदी के इलाज अधिनियम द्वारा प्रदान किया गया था जिसे 2016 में पारित किया गया था। ओबामा ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडेन को टास्क फोर्स की अध्यक्षता करने के लिए नियुक्त किया था। इन्हें कुछ काम सौंपे गए। जैसे, कैंसर को कैसे रोका जाए, इसका इलाज कैसे किया जाए, इस पर सुझाव देना। विशेषज्ञों का एक ब्लू रिबन पैनल भी बनाया गया। 2016 में ब्लू रिबन पैनल ने कैंसर के इलाज के लिए नया कार्यक्रम शुरू किया। इसने एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 10 सिफारिशें थीं।
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1. डायरेक्ट पेशेंट के लिए एक नेटवर्क तैयार करना
2.इम्यूनोथेरेपी के लिए विशेष रूप से समर्पित एक ट्रांसलेशनल विज्ञान नेटवर्क बनाएं
3.कैंसर के उपचार के प्रति प्रतिरोध पर काबू पाने के तरीके विकसित करना
4.राष्ट्रीय कैंसर डेटा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण
5.बाल कैंसर के प्रमुख कारणों पर अनुसंधान को तीव्र करना
6.कैंसर उपचार के दुर्बल करने वाले दुष्प्रभावों को न्यूनतम करें
7.कैंसर की रोकथाम और शीघ्र पता लगाने की सिद्ध रणनीतियों के उपयोग का विस्तार करना
8.भविष्य के रोगी परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले रोगी डेटा का उपयोग करें
9. 3-डी कैंसर एटलस विकसित करें
10. नई कैंसर प्रौद्योगिकियों का विकास करना
भारत कैसे करेगा मदद
पीएम मोदी ने मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर की जांच और निदान के लिए 75 लाख अमरीकी डालर के अनुदान की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह अनुदान भारत के एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण के तहत दिया गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत हिंद-प्रशांत में कैंसर की रोकथाम के लिए रेडियोथेरेपी उपचार और क्षमता निर्माण के लिए सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंद-प्रशांत देशों को जीएवीआई के तहत भारत से टीके की चार करोड़ खुराक की आपूर्ति से लाभ होगा।
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र के इच्छुक देशों को तकनीकी सहायता की पेशकश
प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत ने सर्विकल कैंसर का टीका विकसित किया है और इस बीमारी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) -आधारित उपचार प्रोटोकॉल पर काम कर रहा है। भारत ने डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल में अपने एक करोड़ अमरीकी डालर के योगदान के माध्यम से कैंसर की जांच, देखभाल और निरंतरता के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के इच्छुक देशों को तकनीकी सहायता की पेशकश की है।