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क्या है ऑपरेशन ब्रह्मा? म्यांमार को मदद पहुंचाने के लिए भारत ने ये नाम क्यों चुना, विदेश मंत्रालय ने क्या-क्या बताया

म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने पड़ोसी देश की मदद के लिए शनिवार को ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया। इस भूकंप में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई और देश में कई इमारतें नष्ट हो गईं। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत, 15 टन राहत सामग्री लेकर एक विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा।  विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है। जब चक्रवात यागी ने म्यांमार पर हमला किया था, उस समय भी भारत ने अभियान चलाया था। हमने म्यांमार के लोगों को राहत, सामग्री, मानवीय सहायता प्रदान की और न केवल म्यांमार के लोगों को बल्कि कई अन्य देशों को भी जो इससे प्रभावित हुए थे। सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश बनना हमारी नीति का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि आज हमने ऑपरेशन ब्रह्मा लॉन्च किया। 

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इस ऑपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ क्यों रखा गया?
भूकंप प्रतिक्रिया उपाय का नाम ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ रखे जाने के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, ऐसे समय में जब हम म्यांमार सरकार और म्यांमार के लोगों को विनाश के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण के लिए मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। 15 टन राहत सामग्री लेकर पहला विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा। यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा। हमारे राजदूत राहत सामग्री लेने के लिए वहां गए थे और उसके बाद उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया। कल म्यांमार में भीषण भूकंप आया। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। म्यांमार में आई त्रासदी के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों और म्यांमार सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है… आज प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की… उन्होंने यह भी कहा कि हम म्यांमार सरकार और वहां के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। हम इस आपदा से निपटने के लिए राहत, बचाव और जो भी सहायता आवश्यक होगी, वह प्रदान करने की पूरी कोशिश करेंगे।

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अगले 24-48 घंटे ‘बहुत महत्वपूर्ण’ होंगे
दिल्ली के निकट गाजियाबाद स्थित 8वीं एनडीआरएफ बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी शहरी खोज एवं बचाव (यूएसएआर) टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (संचालन) मोहसेन शाहेदी ने विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संवाददाताओं को बताया कि बल के लिए अगले 24-48 घंटे “बहुत महत्वपूर्ण” हैं, ताकि वे “लाभप्रद रूप से संलग्न” हो सकें और जमीन पर उनकी सक्रिय भागीदारी हो सके।

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