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Victory Day: 9 मई को क्या बड़ा करने वाला है रूस? फ्रंटलाइन पर सेना हाई अलर्ट पर

9 मई का दिन रूस के लिए खासा महत्व रखता है। पूरी दुनिया की नजरें मॉस्को पर एक बार फिर से जाकर टिक गई हैं। यूक्रेन के साथ सभी फ्रंटलाइन पर रूसी फौज हाई अलर्ट के मोड पर आ गई है। सभी मोर्चों को रूसी सेना ने अपने कंट्रोल में ले लिया है। 9 मई तक रूसी सेना कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। 9 मई को रूस के लिए काफी अहम और बड़ा दिन माना जाता है। इन इलाकों में आम लोगों के आने जाने पर खास सख्ती है। 

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9 मई को जब रूस विजयी दिवस मनाएगा तो ऐसी कोई नकारात्मक सूचना रूस के लिए न आए इसको लेकर पुतिन की ब्रिगेड ने चाक-चौबंद तैयारियां कर रखी हैं। रूसी सेना ने अपने कमांडर और सैनिकों को कहा कि हर मोर्चे पर यहां चुस्त-दुरुस्त रहना है। किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिेए। 
नाजियों से मास्‍को के लिए लड़ाई
रूस में 9 मार्च को हर साल विक्‍ट्री डे मनाया जाता है। हालांकि, 24 जून, 1945 को पहली विक्‍ट्री डे परेड हुई थी। इस दौरान रूसी सैनिकों ने न केवल नाजियों से मास्‍को के लिए लड़ाई लड़ी थी, बल्कि लेनिनग्राड और स्‍टालिनग्राड की रक्षा की थी। इसके बाद उन्‍होंने रेड स्‍क्‍वायर पर शानदार विक्‍ट्री डे परेड निकाली थी। 

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क्या है रूस का विक्ट्री डे परेड
रूस के लिए ये परेड एक उत्सव सरीखा है। नाजी जर्मनी की हार पर कई देश वीईडे यानी विक्ट्री ऑन यूरोप डे के रूप में 7 मई को मनाते हैं। इस दिन नाजियों ने फ्रांस में समर्पण किया था। लेकिन सोवियत सेना 9 मई को बर्लिन सोवियत सेना के कब्जे में आ गया था। इसी दिन रूसी नेता मॉस्को के मशहूर रेड क्वायर पर अपने महान नेता व्लदिमीर लेनिन की कब्र के पास जमा होते हैं। इस दिन रूस में राष्ट्रीय अवकाश होती है।  

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