Breaking News

Prabhasakshi Exclusive: आखिर क्या है Palestine से जुड़ा विवाद जिसको लेकर भिड़े हुए हैं Israel-Hamas? क्या यह समस्या भी अंग्रेजों की Divide and Rule Policy से उपजी है?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजरायल और फिलिस्तीन में गाजा को लेकर आखिर विवाद क्यों है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जिस तरह ब्रिटेन ने भारत में बांटो और राज करो की रणनीति अपनाई थी वैसे ही रणनीति उसने वहां भी अपनाई थी। उन्होंने कहा कि आज जैसे संयुक्त राष्ट्र है उसी तरह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लीग ऑफ नेशन की स्थापना हुई थी। उसमें शामिल ब्रिटेन को यह जिम्मेदारी दी गयी थी कि वह यहूदियों की समस्याओं का हल करे लेकिन ब्रिटेन ने हल निकालते समय बांटो और राज करो की नीति अपनाई थी जिसे वह क्षेत्र आज तक भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे भारत के बंटवारे से पहले हिंदू-मुस्लिम और सिख मिलकर रहते थे उसी तरह वहां भी पहले यहूदी, मुस्लिम और ईसाई मिलकर रहते थे लेकिन ब्रिटेन ने समस्या खड़ी करके सबको बांट दिया था। उन्होंने कहा कि समुदाय के आधार पर बंटवारा तो गलत था ही साथ ही क्षेत्र को बांटते समय बड़ा भेदभाव किया गया था जिसकी वजह से वहां हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि देखा जाये तो इज़रायली-फ़िलिस्तीनी संघर्ष का इतिहास 19वीं सदी के उत्तरार्ध से मिलता है जब फ़िलिस्तीन में यहूदी लोगों के लिए स्वशासित क्षेत्र स्थापित करने की मांग की गयी थी। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी 1917 की बाल्फोर घोषणा ने फिलिस्तीन में एक यहूदी मातृभूमि के विचार का समर्थन किया, जिसके कारण इस क्षेत्र में यहूदी प्रवासियों की आमद हुई। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध और नरसंहार के बाद फिलिस्तीन में एक यहूदी राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ गया था जिसके परिणामस्वरूप 1948 में इज़राइल का निर्माण हुआ।

इसे भी पढ़ें: इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से मानवता पर बढ़ गया है खतरा

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इज़राइल की स्थापना और उसके बाद तथा उससे पहले हुए युद्ध के कारण हजारों फिलिस्तीनियों का विस्थापन हुआ जिससे बड़ी संख्या में लोग शरणार्थी बन गए। उन्होंने कहा कि इस वजह से इज़राइल और फिलिस्तीनी लोगों के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमास के साथ जो इजराइल की इस समय लड़ाई चल रही है वह फिलस्तीन के साथ एक तरह से आठवीं लड़ाई है। उन्होंने कहा कि पहली लड़ाई 1948-49 में ही हो गयी थी, उसके बाद 1956 में दो लड़ाईयां हुईं, फिर 1967 में एक लड़ाई हुई, उसके बाद 1973 में एक बड़ा युद्ध हुआ, उसके बाद 1982 में तथा 2006 में युद्ध हुआ और अब 2023 में भी युद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीमा पर झड़पें तो लगातार चलती ही रहती हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई शांति वार्ताएँ हुई हैं, लेकिन एक स्थायी शांति समझौता अब तक नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि शांति स्थापित होने की राह में कई बाधाएं बनी हुई हैं जिनमें वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियों का मुद्दा, गाजा पट्टी का नियंत्रण और यरूशलम की स्थिति शामिल है।

Loading

Back
Messenger