दुनियाभर में अपनी बिगड़ती छवि को सुधारने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने फैसला किया है कि वो इमरान खान की जुबान पर लगाम लगाने के लिए ताकत का नहीं बल्कि कूटनीति का सहारा लेंगे। इसी के तहत उन्होंने इमरान खान को दोस्ती का ऑफर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया की माने तो सेना प्रमुख आसिम मुनीर पुरानी दुश्मनी भुलाकर इमरान खान से हाथ मिलाना चाहते हैं। खबरों की माने तो आसिम मुनीर गुपचुप तरीके से रावलपिंडी की अदियाला जेल गए थे। उन्होंने इमरान खान से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पाकिस्तानी सेना की तरफ से बयान आया कि इमरान खान अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगे। अंदर की खबर ये है कि इमरान खान और आसिम मुनीर की डील फाइनल हो चुकी है। इमरान खान के सार्वजनिक तौर पर माफी मांगते ही पाकिस्तान की सेना उन्हें सत्ता में वापस लाने की तैयारी शुरू कर देगी।
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कहा तो ये भी जा रहा है कि नवाज शरीफ को एक बार फिर से पाकिस्तान छोड़ना पड़ सकता है। हालांकि ये खबरें कितनी सही है ये तो बताना मुश्किल है। लेकिन इमरान खान का लगातार सेना के खिलाफ जहर उगलना और सेना का उन आरोपों को खारिज करना। ये इशारा जरूर करता है कि कहीं न कहीं आसिम मुनीर और इमरान खान के बीच कोई न कोई खिचड़ी तो पक रही है। महानिदेशक इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया था कि 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों से माफी मांगने और कोई भी बातचीत करने से पहले अराजकता की राजनीति से दूर रहने की मांग की थी।
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जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक अध्यक्ष इमरान खान ने 9 मई की घटनाओं के लिए माफी मांगने की सेना की मांग को ठुकरा दिया है। इसके साथ ही इमरान ने अपनी गिरफ्तारी के तुरंत बाद पिछले साल देश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में अपनी पार्टी की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि 9 मई के आरोपियों और अपराधियों को संविधान और कानून के मुताबिक सजा देनी होगी। रावलपिंडी की अदियाला जेल में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा मुझे माफी क्यों मांगनी चाहिए, यह मुझसे मांगी जानी चाहिए।