प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से हमने जानना चाहा कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में बैठ कर भारत को धमकियां दे रहा है। आखिर ऐसे तत्वों का इलाज क्या है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका इलाज कानून के रास्ते ही निकलेगा लेकिन कानून यह कहता है कि किसी भी प्रकार का दोगलापन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बड़ी-बड़ी बातें कर रहे अमेरिका को यह देखना चाहिए कि यदि पन्नू भारत में बैठ कर अमेरिकी संसद को उड़ाने की बात कर रहा होता तब वाशिंगटन की प्रतिक्रिया क्या होती? उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपनी संप्रभुता, अखंडता, संविधान और संसद पर किसी भी प्रकार का हमला बर्दाश्त नहीं करेगा और पन्नू लगातार जिस तरह की हरकतें कर रहा है और भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है उस पर अमेरिका की चुप्पी कई बड़े सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को चाहिए कि उसके मित्र देश भारत के खिलाफ अनर्गल बयान दे रहे पन्नू को गिरफ्तार करे और भारत में दर्ज मुकदमों का सामना करने के लिए उसे भारत सरकार को सौंपे।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक इस मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में आये तनाव की बात है तो वह तो साफ प्रदर्शित हो ही रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत अमेरिका का एक रणनीतिक साझेदार है और उसने नयी दिल्ली से एक अमेरिकी सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराए जाने की अपील की है। उन्होंने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है। हम इस रणनीतिक साझेदारी को और गहरा कर रहे हैं। वह प्रशांत में क्वाड का सदस्य है। हम कई मामलों पर उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि यह इसी प्रकार जारी रहे। इसी के साथ हम इन आरोपों की गंभीरता को भी निश्चित रूप से समझते हैं। उन्होंने कहा कि किर्बी ने इस कथित षड्यंत्र का असर भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकने से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा है कि हम चाहते हैं कि इसकी गहन जांच हो और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को उचित तरीके से जवाबदेह ठहराया जाए।
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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक भारत का पक्ष है तो वह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में भी स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया है कि भारत ने अमेरिका से मिली जानकारी पर गौर करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया है क्योंकि यह देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने बताया कि जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि जहां तक अमेरिका का सवाल है, अमेरिका के साथ हमारे सुरक्षा सहयोग के तहत हमें कुछ जानकारी दी गई थी। वह जानकारी हमारे लिए चिंता का विषय हैं क्योंकि वे संगठित अपराध, तस्करी आदि की सांठगांठ से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने कहा कि क्योंकि उनका हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है, इसलिए मामले की जांच कराने का निर्णय लिया गया और एक जांच समिति का गठन किया गया।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के एक शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के प्रयास से संबंधित आरोपों सहित विभिन्न द्विपक्षीय मामलों पर बातचीत के लिए नयी दिल्ली आये थे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री के साथ महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर महत्वाकांक्षी अमेरिकी-भारत पहल में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए चार दिसंबर को नयी दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका के प्रधान उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात की थी और विभिन्न द्विपक्षीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि पन्नू का मामला एक तरफ है लेकिन दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।