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अजीत डोभाल, रॉ चीफ, विक्रम यादव, गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या का क्या था सीक्रेट प्लान?

अमेरिकी धरती पर गुरपतवंत सिंह पन्नून की कथित हत्या की साजिश की जांच अहम पड़ाव पर पहुंच गई है। वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व अधिकारी विक्रम यादव ने एक हिट टीम को काम पर रखा था और अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून पर हमले की साजिश रची थी। ऐसे में खालिस्तानी नेता पन्नून पर हत्या के प्रयास में कौन शामिल था? अमेरिका का इस बारे में क्या कहना है? सारे सवालों के जवाब जानते हैं। 

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रॉ को लेकर वाशिंगटन पोस्ट ने क्या दावा किया है? 
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व अधिकारी विक्रम यादव ने एक हिट टीम को काम पर रखा था और अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून पर हमले की साजिश रची थी। रिपोर्ट के मुताबिक, विक्रम यादव ने पन्नून के बारे में डिटेल्स भेजा, जिसमें उसका न्यूयॉर्क का पता भी शामिल था। वाशिंगटन पोस्ट ने दावा किया कि विदेश मंत्रालय ने उसके लेख पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। वर्तमान में निखिल गुप्ता प्राग की एक जेल में बंद है, क्योंकि उसे वहां गिरफ्तार किया गया था और अमेरिकी अधिकारी उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रहे थे। पिछले साल अभियोग में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर काम करने वाले एक भारतीय सरकारी कर्मचारी ने अमेरिकी धरती पर एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रची थी। अब वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में रॉ को लेकर बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यादव ने ही गुरपतवंत सिंह पन्नून के बारे में डिटेल्स भेजी थी, जिसमें उनका न्यूयॉर्क का पता भी शामिल था।

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अजित डोभाल को भी थी जानकारी?
रिपोर्ट में कहा गया है कि पन्नुन की हत्या की योजना में यादव मुख्य व्यक्ति थे, लेकिन ऑपरेशन को रॉ चीफ का अप्रूवल  हासिल था। उस वक्त रॉ के चीफ सामंत गोयल थे। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अमेरिकी जासूसी एजेंसियों को आशंका है कि मोदी के करीबी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पन्नू को मारने की रॉ की योजनाओं के बारे में जानकारी थी, लेकिन अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि इसका कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आया है। अमेरिकी अखबार ने अपनी लंबी रिपोर्ट में कहा है कि गोयल पर विदेशों में सिख चरमपंथियों के कथित खतरे को खत्म करने के लिए भारत सरकार का दबाव था। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तव में भारतीय रॉ एजेंटों ने हाल के दिनों में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले सिखों की सर्विलांस बढ़ा दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके कारण उनमें से कुछ को ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और ब्रिटेन सहित देशों में गिरफ्तार किया गया, निष्कासित किया गया या फटकार लगाई गई।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने मंगलवार को वॉशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इससे पहले अमेरिका द्वारा नई दिल्ली के साथ इनपुट साझा करने के बाद भारत ने पिछले दिसंबर में इस मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तब राज्यसभा को बताया था कि पैनल का गठन किया गया है, क्योंकि इसका देश की राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा। जहां तक ​​अमेरिका का सवाल है, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे सुरक्षा सहयोग के हिस्से के रूप में हमें कुछ इनपुट दिए गए थे। वे इनपुट हमारे लिए चिंता का विषय थे क्योंकि वे संगठित अपराध, तस्करी और अन्य मामलों की सांठगांठ से संबंधित थे।

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