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बिना दस्तावेज वाले 18 हजार भारतीयों का क्या होगा? विदेश मंत्रालय ने अपने बयान से इरादें कर दिए साफ

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं तो दावा किया जा रहा है कि भारत के 18 से 20 हजार ऐसे लोग हैं जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। भारत उन्हें वापस लाने के लिए ट्रंप सरकार से बात कर सकता है। अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बात भी की है। उन्होंने कहा है कि हम इस मुद्दे को लेकर बेहद ही गंभीर हैं और भारत सरकार को इसे हल करना होगा। वहीं विदेश मंत्रालय ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसको लेकर बात की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि अवैध माइग्रेशन और ट्रेड दोनों अलग अलग चीजें हैं। हमारा रवैया, नीति पॉलिसी और नजरिया अवैध माइग्रेशन को लेकर बेहद साफ है। 

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अवैध अप्रवासन के सख्त खिलाफ हैं। खासकर इसलिए भी क्योंकि इसका वास्ता संगठित अपराध से है। कई देशों में ऐसा होता भी आ रहा है। बाहर में कोई अवैध रूप से रह रहा है। उस व्यक्तिगत शख्स ने स्थापित किया कि वो भारतीय नागरिक है, तो हमारे दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं। गौरतलब है कि अनुमानित 20 हजार अप्रवासी इस वक्त अमेरिका में है। इनमें से करीब 2 हजार के लगभग वहां की डिटेंशन सेंटर में बंद हैं। यूएस कस्टम एंड इमीग्रेशन ने 2 हजार भारतीयों को हटाने का फाइनल ऑर्डर दे दिया है। बाकी के 18 हजार को लेकर भी चर्चा चल रही है।

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि जहां तक ट्रेड से जुड़े मुद्दों की बात है तो भारत और अमेरिका के बीच में द्विपक्षीय संबंध बहुत मजबूत हैं। दोनों देशों के रिश्तों में भरोसे का भाव काफी ऊंचा है। आपने देखा होगा कि जब विदेश मंत्री की अमेरिका की यात्रा हुई तो उन्होंने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा भी कि दोनों तरफ से ये मंशा है कि इस रिश्ते को और मजबूत किया जाए। इसे बड़े पैमाने पर बड़े सोच के साथ आगे लिया जाए। 

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