7 अक्टूबर 2023 का वो दिन जब हमास ने इजरायल पर गलत तरीके से हमला कर कई नागरिकों को बंधक बना लिया था और कुछ की हत्या भी कर दी थी। ये आंकड़ा कोई छोटा-मोटा नहीं है। 1200 इजरायली नागरिकों की हत्या की गई थी। इसके बाद से इजरायल खूंखार तरीके से पूरे मीडिल ईस्ट में ऑपरेशन चला रहा है। गाजा में बैठे हमास को उसने नेस्तानाबूद कर दिया है। लेकिन अभी भी ऑपरेशन रुका नहीं है। लेकिन कुछ दिनों पहले सीजफायर की बात हुई है, उसके तहत अब बंधकों की रिहाई जारी है। इजरायल भी फिल्तिनियों को छोड़ा रहा है। दूसरी तरफ गाजा में हमास की तरफ से बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों को भी छोड़ा जा रहा है।
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हम न भूलेंगे और न माफ करेंगे
हमास ने तीन और इस्राइली बंधकों को परेड कराने के बाद रिहा कर दिया। इसके बदले में इजरायल ने 369 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा। सीजफायर के बाद ये छठी अदला-बदली थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस्राइल ने फलस्तीनी कैदियों को एक खास टी-शर्ट पहनाई थी, जिसपर अरबी में लिखा था- ‘हम न भूलेंगे और न माफ करेंगे’। लेकिन गाजा में बस से जब कैदी उतरे तो वह ओवरकोट पहने थे, ताकि टीशर्ट न दिखें।
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फिलस्तीनी कैदियों में ये अहम
कैदियों की जानकारी देने वाले कार्यालय ने बताया कि रिहा किए गए 369 फलस्तीनी कैदियों में से 36 उम्रकैद की सजा काट रहे थे। चर्चित कैदियों में 48 साल के अहमद बरगूती भी शामिल हैं। उन्हें फलस्तीनी नेता मरवान बरगूती का सहयोगी माना जाता है। अहमद को इस्राइल ने उम्रकैद की सजा दी थी। आरोप था कि उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में हमलावरों को भेजा।
हमास का किया जाना चाहिए सफाया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गाजा पट्टी में इजराइल के युद्ध उद्देश्यों का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि हमास को ‘खत्म किया जाना चाहिए’ क्योंकि इसने अस्थिर युद्धविराम के भविष्य पर संदेह खड़ा कर दिया है। रुबियो ने क्षेत्रीय दौरे की शुरुआत में यरूशलम में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की, जहां उन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पट्टी से फलस्तीनी आबादी को स्थानांतरित करने और अमेरिकी स्वामित्व के तहत इसे पुनर्विकसित करने के प्रस्ताव पर अरब नेताओं से प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। नेतन्याहू ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि गाजा के भविष्य के लिए उनके व ट्रंप के पास एक ‘साझा रणनीति’ है।