प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन आखिर क्यों व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए रूस जा रहे हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि रूस ने युद्ध छेड़ा हुआ है और उत्तर कोरिया युद्ध लड़ने पर आमादा है। इसलिए जब एक जैसी सोच के दो लोग मिलने वाले हों तब दुनिया का चिंतित होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारी जॉन किर्बी ने 30 अगस्त को कहा था कि उत्तर कोरिया और रूस के बीच हथियारों के लेन-देन को लेकर बातचीत जोर पकड़ रही है। दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी सेना के लिए हथियारों की आपूर्ति चाहते हैं, जिसके लिए वह उत्तर कोरिया से बातचीत कर रहे हैं। पश्चिमी राष्ट्रों द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद रूस और उसके सैन्य आपूर्तिकर्ता वैगनर समूह ने पहले ही हथियारों के लिए उत्तर कोरिया से संपर्क किया था।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हथियारों की इस खरीद-फरोख्त और उत्तर कोरिया के साथ बढ़ते व्यापारिक संबंधों का यूक्रेन के युद्धक्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के साथ हथियारों के कारोबार पर शोध से यह पता चलता है कि उत्तर कोरिया हथियारों के बदले रूस से तकनीक की मांग कर सकता है। इससे उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को बहुत फायदा होगा और साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से हुए नुकसान की भरपाई कर सकेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को सीमित करना चाहता है, जिसके लिए उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Russia-Ukraine War ने लिया खतरनाक मोड़, Zelensky ने अपने रक्षामंत्री को किया बर्खास्त तो Putin ने भी बदली चाल
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हालिया घटनाक्रम से यह साफ हुआ है कि उत्तर कोरिया और वैगनर समूह के मालिक येवगेनी प्रिगोझिन के इंकार करने के बावजूद हथियारों के व्यापार संबंध तेजी से प्रगाढ़ हुए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने सितंबर 2022 में दावा किया था कि उत्तर कोरिया, रूस को बड़ी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। उत्तर कोरिया द्वारा वैगनर समूह को रॉकेट और मिसाइलों की कथित रूप से आपूर्ति किए जाने के दो महीने बाद जनवरी 2023 में जॉन किर्बी ने उत्तर कोरिया-रूसी सीमा पर घातक हथियारों से लदी एक ट्रेन की उपग्रह तस्वीर साझा की थी। मार्च में अमेरिका के वित्त विभाग ने रूस के लिए दो दर्जन प्रकार के हथियारों और युद्ध सामग्री की खरीद की खातिर उत्तर कोरिया अधिकारियों के साथ काम करने वाले स्लोवाकियाई नागरिक अशोत मकर्तिचेव पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच संपर्क के कई रास्ते हैं।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु का प्योंगयांग दौरा भी दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों के महत्व को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात, शोइगु को हथियारों की प्रदर्शनी दिखाने का काम खुद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने किया। इस प्रदर्शनी में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें, लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलें और नई तकनीक वाले उन्नत ड्रोन के साथ-साथ अन्य हथियार प्रणालियां भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि बदलती स्थिति में रूस को यूक्रेन युद्ध में फायदा होगा। वहीं, किम जोंग उन शासन पर लगे ढेर सारे प्रतिबंधों के कारण कमजोर हुई आर्थिक शक्ति को रूस द्वारा उत्तर कोरिया से हथियारों की खरीद करने से मजबूती मिलेगी। इससे उत्तर कोरिया को राजस्व जुटाने मे भी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इससे उत्तर कोरिया के हथियार निर्यात उद्यम को भी बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के संदर्भ में अधिक चिंता की बात यह है कि वह लंबे समय से परमाणु और लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम सहित विभिन्न हथियारों के विकास के लिए हथियारों की बिक्री पर निर्भर रहा है।