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Pakistan का बेस्ट फ्रेंड तुर्की क्यों दे रहा भारत का साथ? चीन-पाकिस्तान को लगी मिर्ची

दिल्ली में जी20 के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान के एक बयान ने पाकिस्तान को परेशान कर दिया है। इस बयान ने चीन को भी चिंतित कर दिया होगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद एर्दोगान का भारत के प्रति हृदय परिवर्तन हो गया। दोनों के बीच लंबी बाताचीत हुई जिसमें व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने को लेकर लंबी चर्चा हुई है। ये मुलाकात जी20 सम्मेलन से अलग हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की हैं। इसके बाद एर्दोगान ने जो कहा वो पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए किसी झटके से कम नहीं है।

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उन्होंने कहा कि भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में होगा तो हमें गर्व होगा। ये बड़ा बयान उस शख्स की ओर से आया जिसकी सोच भारत विरोधी मानी जाती है। जो पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर का नापाक एजेंडा चलाता है। जिसने खुलकर अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया। जो मुस्लिम कार्ड चलकर खुद को खलीफा साबित करने की कोशिश करता रहता है। वही एर्दोगान यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत करने लगे। 

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 एक प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पी5 या सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों (चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका) के लिए तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया पांच से भी बड़ी है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व होगा अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाए। तुर्किए के राष्ट्रपति का ये बयान भारत के लिए ही नहीं बल्कि चीन और पाकिस्तान के लिए भी चौंकाने वाला है। तुर्किए भारत विरोधी चीन की गुटबाजी का हिस्सा रहा है। चीन लगातार यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहा है। अब वही तुर्किए चीन के खिलाफ जाकर भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत कर रहा है। 

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