पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने के बाद से अनवारुल हक काकड़ लगातार भारत के विरोध में बयान दे रहे हैं। कभी वह भारत को पाखंडी देश बताते हैं तो कभी भारत को उकसाने के लिए चीन की सीपीईसी परियोजना को आगे बढ़ाने की बात करते हैं। अब तो उन्होंने गीदड़ भभकी देते हुए कह दिया है कि ईरान की ओर से किये गये मिसाइल हमले के जवाब में जो पलटवार किया गया है उसमें भारत के लिए भी संदेश छिपा है। देखा जाये तो अनवारुल हक काकड़ की वैसे तो कोई ज्यादा बड़ी राजनीतिक हैसियत नहीं है लेकिन जबसे वह पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने हैं तबसे उन्होंने अपना राजनीतिक वजूद कायम करने के लिए भारत के विरोध में लगातार बोलना जारी रखा है। वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि सुर्खियों में बने रहें और अपने भारत विरोधी रुख के चलते पाकिस्तानी सेना का समर्थन हासिल कर सकें। अनवारुल हक काकड़ यह सब करके पाकिस्तान में कोई राजनीतिक मुकाम हासिल कर पाएंगे या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन एक बात जो साफ तौर पर नजर आ रही है वह यह है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री अपने ही देश में हंसी के पात्र जरूर बनते जा रहे हैं।
विदेशी चंदे, चीन की ओर से मिल रहे कर्ज और कुछ मुस्लिम देशों की ओर से फेंके गये मदद के टुकड़ों की बदौलत चल रहे पाकिस्तान ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के बारे में जो कुछ कहा है उस पर दिल्ली ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है मगर आम पाकिस्तानी ही काकड़ को आईना दिखाने में लग गये हैं। पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर लोग तमाम तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार को कोस रहे हैं। हम आपको बता दें कि काकड़ ने अपनी गीदड़ भभकी में कहा है कि ईरान को जिस तरह से जवाब दिया गया उससे भारत को भी साफ और स्पष्ट संदेश गया है। काकड़ ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा है कि ईरान की ओर से जिस तरह से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन किया गया, उसके बाद पाकिस्तानी सेना के पास ईरान को जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में एक मजबूत जवाब दिया और ये निश्चित रूप से भारत और पूरे क्षेत्र के लिए एक संदेश है। अब काकड़ के इस बयान के बाद आम पाकिस्तानी अपनी ही सरकार को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत को उकसाना गलत है क्योंकि यदि उसने फिर से घुसकर मारा तो बड़ी फजीहत हो जायेगी। आम पाकिस्तानी कह रहे हैं कि जब भारत घुस कर मारता है तो हमारी सरकार कोई हमला होने से ही इंकार कर देती है मगर अब कह रही है कि भारत को संदेश चला गया है।
हम आपको यह भी याद दिला दें कि पिछले साल पीओके के दौरे के दौरान भी काकड़ ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला था। काकड़ ने मुजफ्फराबाद में पीओके की विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश नहीं बल्कि सबसे बड़े पाखंडी देश के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, जहां तक चीन की सीपीईसी यानि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना की बात है तो उस पर भी आगे बढ़ने की बात कह कर काकड़ ने भारत को उकसाने का काम किया है। हम आपको बता दें कि भारत शुरू से ही इस परियोजना का विरोधी रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक काकड़ ने इस्लामाबाद में कहा है कि सीपीईसी के पहले चरण को हासिल करने के बाद, पाकिस्तान अपनी प्रारंभिक परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहा है और अगले चरण को लागू करने के लिए चीन के संपर्क में है। हम आपको बता दें कि सीपीईसी का उद्देश्य पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ना है। भारत इस परियोजना पर आपत्ति जताता रहा है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरती है।
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हम आपको यह भी बता दें कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री के अलावा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भी भारत के खिलाफ अपने मन की नफरत का एक बार फिर प्रकटीकरण किया है। दरअसल ईरान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि देश की पीठ में छुरा घोंपने वालों को करारा जवाब मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कह डाला कि किसी को भी पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही मुनीर ने भारत के साथ किसी भी प्रकार की सुलह से इंकार करते हुए कहा है कि भारत ने पाकिस्तान के दृष्टिकोण को नहीं माना है, तो हम उसके साथ कैसे सुलह कर सकते हैं? बताया जा रहा है कि नई दिल्ली इन बयानों पर गौर कर रही है और समुचित जवाब दिया जायेगा।