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श्रीलंका में 14 नवंबर को संसदीय चुनाव, 1977 के बाद पहली बार मैदान में नहीं उतरे विक्रमसिंघे

निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी इंतजामों के साथ श्रीलंका गुरुवार अपना संसदीय चुनाव कराने जा रहा है। देशभर में 13,314 से अधिक मतदान केंद्रों पर 14 नवंबर को स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे से अपराह्न चार बजे तक मतदान होगा। निर्वाचन आयोग के महानिदेशक समन श्री रत्नानायके ने कहा कि मतदान केंद्रों पर आवश्यक सभी मतपेटियां तथा अन्य उपकरण बुधवार को भेजे जाएंगे। इस चुनाव में श्रीलंका की 2.1 करोड़ आबादी के 1.7 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालने के पात्र हैं। इस चुनाव में संसद के 225 सदस्यों को चुना जाएगा। यह चुनाव राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ की लोकप्रियता की पहली बड़ी परीक्षा होंगे। 

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श्रीलंका में 21 सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव में 50 प्रतिशत वोट हासिल करने में विफल रहने के बाद दिसानायके अपने भ्रष्टाचार विरोधी जवाबदेही सुधारवादी कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूत संसद की वकालत कर रहे हैं। पिछले महीने के राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके से हारने वाले निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 1977 के बाद से पहली बार कोई संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। राजपक्षे बंधु – महिंदा, गोटबाया, चमल और बासिल दशकों तक प्रतिनिधित्व के बाद संसदीय चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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भारत ने लगातार श्रीलंका का बुरे वक्त में साथ दिया है। चाहे वो जरूरत का सामान मुहैया कराना हो या आईएमएफ से मदद के लिए निगोशिएशन करना हो। भारत ने 4 बिलियन डॉलर की सहायता दी है। ये रकम आईएमएफ के बेल आउट पैकेज से एक बिलियन डॉलर ज्यादा है। मानवीय सहायता देने के अलावा लाइन ऑफ क्रेडिट जिसमें 700 मिलियन डॉलर की लागत का पेट्रोलियम भी दिया जा रहा है। कोविड के दौरान भारत ने पांच लाख वैक्सीन श्रीलंका को दी थी। 150 टन ऑक्सीजन भी मुहैया कराई गई थी। 

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