संयुक्त राष्ट्र में भारत की सदस्यता को लेकर इन दिनों चर्चा खूब तेज है। भारत हर मोर्चे पर बार-बार संयुक्त राष्ट्र में बदलाव की मांग कर रहा है। जिसे लेकर आखिरकार चीन ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है। चीन ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलावों को लेकर बयान दिया। इसके साथ ही भारत की सदस्यता को लेकर भी अपने विचार रखे। चीन ने सुरक्षा परिषद में सुधारों पर पहली बार बयान दिया है। इस बयान में भले ही भारत का नाम खुलकर नहीं लिया गया हो। लेकिन इशारा भारत पर ही था। चीन ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधारों का फायदा केवल कुछ लोगों के स्वार्थ को साधने के लिए नहीं होना चाहिए।
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एस जयशंकर ने साधा था निशाना
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग 2024 में संयुक्त राष्ट्र सुधारों के मुद्दे को संबोधित करते हुए अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम पर कटाक्ष किया। जयशंकर ने कहा कि विश्व नियमों के साथ खिलवाड़ किया गया है और तर्क दिया गया है कि एक बड़ा वैश्विक पुनर्संतुलन है जो संयुक्त राष्ट्र से भी बड़ा है। वैश्वीकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप पिछले पांच वर्षों को देखें, तो सभी बड़े मुद्दों का एक तरह से हम बहुपक्षीय समाधान नहीं ढूंढ पाए हैं।
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चीन ने क्या कहा
चीन ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में भारत के प्रवेश को रोक रहा है और गंभीर और गहन परामर्श के माध्यम से पैकेज समाधान निकालने के लिए व्यापक संभावित सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि दुनिया को उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र वैश्विक चुनौतियों से निपटने में प्रभावी ढंग से अग्रणी भूमिका निभाएगा और चीन विकासशील देशों की आवाज के साथ यूएनएससी सुधार की सही दिशा में निरंतर प्रगति का समर्थन करता है।