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लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने एक मुस्लिम महिला को इस्लाम के पवित्र ग्रंथ के पन्ने जलाने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक अभियोजक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के तहत, धर्म या धार्मिक शख्सियतों का अपमान करने का दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को मौत की सजा तक दी जा सकती है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक ईशनिंदा के लिए मौत की सजा नहीं दी है।
सरकारी अभियोजक मोहजिब अवैस ने कहा कि आसिया बीबी को 2021 में ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान महिला के खिलाफ निवासियों ने दावा किया था कि उसने कुरान के पन्ने जलाकर उसका अपमान किया है। उन्होंने कहा कि बीबी ने अपने मुकदमे के दौरान आरोप से इनकार कर दिया था। उसे इस मामले में अपील करने का अधिकार है। ईसाई समुदाय की एक महिला का नाम भी आसिया बीबी था। उसे ईशनिंदा कानून का उल्लंघन करने पर आठ साल पहले मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2019 में उसे बरी कर दिया गया था।
अपनी रिहाई के बाद इस्लामी चरमपंथियों से मिल रही मौत की धमकियों से बचने के लिए वह कनाडा चली गई थीं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों का मानना है कि ईशनिंदा के आरोपों का इस्तेमाल अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को डराने और व्यक्तिगत रंजिश के चलते किया जाता है। पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में एक अन्य अदालत ने मार्च में दो अलग-अलग मामलों में इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने का दोषी पाते हुए 22 वर्षीय एक छात्र को मौत की सजा और एक किशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।