दुनिया में विकास के साथ ही कई गंभीर और घातक बीमारियां भी फैलती जा रही हैं। जिसमें कैंसर, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इस खतरनाक बीमारी के कारण हर साल पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो जाती है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज का अनुमान है कि दुनिया में हर छठी मौत कैंसर के कारण होती है। मेडिकल क्षेत्र में आधुनिकता और तकनीक विकास के चलते कैंसर अब लाइलाज बीमारी तो नहीं रही है, पर अब भी आम लोगों के लिए इसका इलाज काफी कठिन बना हुआ है।
कैंसर के बढ़ते खतरे को लेकर लोगों को जागरूक और शिक्षित करने के उद्देश्य से दुनियाभर में हर साल आज के दिन यानी 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। कैंसर कई प्रकार के हो सकते हैं, सभी उम्र के व्यक्तियों में इसका जोखिम देखा जा रहा है। लक्षणों की समय पर पहचान और इलाज प्राप्त करके कैंसर से मृत्यु के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है।
जानिए वर्ल्ड कैंसर डे मनाने का कारण
विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। इसके पीछे का उद्देश्य, लोगों में इस जानलेवा बीमारी के बारे में जागरुकता फैलाना है। इस दिन कैंसर के बारे में जानकारी, इसके लक्षणों की पहचान कर, जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना और इससे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जानकारी देने की कोशिश की जाती है। अगर इस बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में लोगों को पता होंगी, इसकी रोक-थाम करने में काफी मदद मिल सकती है।
विश्व कैंसर दिवस 2025 की थीम
विश्व कैंसर दिवस 2025 की थीम, “यूनाइटेड बाय यूनिक” 2025 से 2027 तक तीन साल के अभियान की शुरुआत का प्रतीक है। यह पहल कैंसर की देखभाल के लिए लोगों पर केंद्रित दृष्टिकोण पर केंद्रित है, जिसमें प्रत्येक रोगी की यात्रा की व्यक्तिगतता पर जोर दिया जाता है। व्यक्तिगत कहानियों पर प्रकाश डालकर, इसका उद्देश्य कैंसर की देखभाल में सहानुभूति, समझ और समावेशिता को बढ़ावा देना है।
जानिए वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास
इसका इतिहास अधिक पुराना नहीं है। सबसे पहले 1999 में वर्ल्ड सम्मिट एगेन्स्ट कैंसर, पेरिस में इस दिन को मनाने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके बाद साल 2000 में 4 फरवरी को पहली बार वर्ल्ड कैंसर डे मनाया गया था। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य कैंसर के खिलाफ, दुनिया के सभी देशों का साथ मिलकर युद्ध करें और इस जानलेवा बीमारी को खत्म करने में अपना पूरा संयोग दें। इस बीमारी से जुड़े शोध और देखभाल को बढ़ावा देना, इस दिन को मनाने का मुख्य लक्ष्य है।