अमेरिकी सेना ने कहा है कि यमन के हूती विद्रोहियों ने पिछले साल दिसंबर में लाल सागर में नॉर्वे के ध्वज लगे टैंकर पर ईरान निर्मित जहाज़ रोधी क्रूज़ मिसाइल दागी थी।
सेना के मुताबिक, यह हमला पोतों पर आक्रमण करने के हूती के अभियान और ईरान के बीच सार्वजनिक, साक्ष्य-आधारित संबंध प्रदान करता है।
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट में ‘स्ट्रिंडा’ नाम के पोत पर हमले का संबंध ईरान से जोड़ा गया है जो यमन में करीब एक दशक के युद्ध में हूती का मुख्य समर्थक है।
ये निष्कर्ष नॉर्वे स्थित बीमाकर्ता समूह के निष्कर्षों से मेल खाते हैं, जिसने ‘स्ट्रिंडा’ पर मिले मलबे की जांच की थी।
यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब इज़राइल-हमास युद्ध को लेकर हूती लाल सागर में पोतों को निशाना बना रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के प्रश्नों का उत्तर देते हुए हूतियों को हथियार देने से इनकार किया।
मिशन ने कहा, “ हम जानते हैं कि (हूतियों ने) अपने स्वयं के स्रोतों से अपनी सैन्य क्षमताओं को काफी विकसित किया है।”
उसने कहा, “ उनके खिलाफ लंबे समय से चल रहा युद्ध उनकी सैन्य शक्ति के विस्तार का मुख्य कारक है।”
‘स्ट्रिंडा’ टैंकर ‘पाम ऑयल’ लेकर मलेशिया से आ रहा था। उसे स्वेज नहर होते हुए इटली जाना था, तभी 11 दिसंबर को मिसाइल से उस पर हमला किया गया।